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गर्भ धारण करने का शुभ मुहूर्त कब है 2023 | गर्भाधान संस्कार मुहूर्त | garbh dharan karne ka shubh muhurat

आज हम गर्भ धारण करने का शुभ मुहूर्त के बारे में जानेंगे। गर्भधारण मुहूर्त को गर्भाधान मुहूर्त की कहा जाता है। गर्भधारण किस मुहूर्त में करें। जिससे सर्वश्रेष्ठ बालक उत्पन्न हो। अगर आप एक श्रेष्ठ बालक की चाह रखते हैं। तो आपको चाहिए कि गर्भधारण के शुभ मुहूर्त में करें। शुभ मुहूर्त में गर्भ धारण करने से एक सर्वश्रेष्ठ बालक उत्पन्न होने की संभावना ज्यादा बन जाता है।

गर्भाधान मुहूर्त

गर्भाधान संस्कार हमारे सनातन धर्म का प्रथम संस्कार माना जाता है। क्योंकि देखा जाए तो गर्भाधान संस्कार से ही सभी संस्कार की उत्पत्ति होती है। क्योंकि जब तक किसी बच्चे का जन्म नहीं होता है। तब तक उस बच्चे के साथ कोई भी संस्कार नहीं किया जा सकता है। इसलिए सर्वप्रथम संस्कार गर्भाधान संस्कार होता है।

गर्भाधान संस्कार सर्वश्रेष्ठ होने की वजह से, इसको विशेष तौर पर शुभ मुहूर्त में किया जाना उचित होगा। क्योंकि कोई भी कार्य का अगर आरंभ किया जाता है। तो उस समय शुभ मुहूर्त भी देखा जाता है। जिससे आगे चलकर वह कार्य शुभ फलदाई साबित हो। उसी प्रकार गर्भाधान भी एक ऐसा संस्कार है, जिसको शुभ मुहूर्त में ही या जाना चाहिए।

पुत्र उत्पत्ति के लिए शुभ मुहूर्त कब है?

वैसे तो हमारे ज्योति में गर्भाधान संस्कार के मुहूर्त के लिए एक जटिल प्रक्रिया है। जिसको हम अगर आपको बताने लगे, कि आप कैसे गर्भाधान संस्कार के लिए बहुत निकालेंगे? तो आप इस प्रक्रिया में उलझ कर रह जाएंगे। इसलिए यहां पर हम आपको गर्भाधान संस्कार के शुभ मुहूर्त के बारे में बता देते हैं। जिससे आपका समय बच सके।
चलिए अब हम जान लेते हैं। गर्भाधान मुहूर्त के बारे में जोकि के शुभ मुहूर्त है।

गर्भ धारण करने का शुभ मुहूर्त कैसे देखें?

यहां पर आपको बताया जा रहा है। कि कैसे आप स्वयं गर्भाधान संस्कार का मुहूर्त देखेंगे? और मुहूर्त देखकर अपने लिए एक शुभ मुहूर्त का चुनाव कैसे करेंगे? गर्भधारण संस्कार मुहूर्त के लिए नक्षत्र, वार और लग्न आदि को देखकर एक शुभ मुहूर्त का चयन किया जा सकता है। तो आज हम नक्षत्र, वार और लग्न आदि के बारे में जान लेते हैं। कि कौन-कौन से नक्षत्र, वार और लग्न शुभ होते हैं।

नक्षत्र – गर्भधारण संस्कार के लिए तीनों उत्तरा, मृगशिरा, हस्त, अनुराधा, रोहणी, स्वाति, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा आदि नक्षत्र शुभ होते हैं।

वार – गर्भधारण संस्कार के लिए रविवार, मंगलवार और शनिवार को वर्जित माना गया है।

तिथि – गर्भधारण संस्कार के लिए चतुर्थी, अष्टमी, नवमी और चतुर्दशी तिथि को वर्जित माना गया है।

लग्न – गर्भधारण संस्कार के लिए मेष, कर्क, सिंह, तुला, धनु और मकर लग्न शुभ होते हैं।

नोट – गर्भधारण संस्कार कोई भी अशुभ योग और भद्रा में नहीं किया जाना चाहिए।

किस महीने में गर्भ धारण करना चाहिए?

गर्भाधारण संस्कारों को किसी भी शुभ समय में, किसी भी माह में किया जा सकता है। जिसके लिए केवल उस दिन का शुभ होना आवश्यक है।

पुत्र प्राप्ति के लिए कौन से महीने में गर्भ धारण करना चाहिए?

ऐसे कोई भी माह नहीं है। जिसमें केवल पुत्र प्राप्ति के लिए गर्भधारण किया जाए। केवल इसके लिए शुभ मुहूर्त ही देखा जाता है। जिस में गर्भ धारण करने से होने वाली संतान उत्तम होती है।

शनिवार को गर्भ धारण करने से क्या होता है?

ज्योतिष शास्त्रों में शनिवार को निषेध माना गया है। शनिवार के दिन गर्भ धारण नहीं करना चाहिए। क्योंकि शनिवार को शनि ग्रह का दिन माना जाता है। जो कि क्रुर और पापी होता है। इस दिन गर्भ धारण करने से होने वाला बालक कुल का नाश करता है।

प्रेग्नेंट होने के लिए कौन सा दिन अच्छा है?

गर्भधारण के लिए रजोदर्शन की 4 रात्रि छोड़कर सम रात्रि में अर्थात 6, 8, 10, 12, 14, 16 पुत्र प्राप्ति के लिए गर्भ धारण करना शुभ माना जाता है।

कौन सी तिथि को गर्भधारण नहीं करना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गर्भधारण के लिए 4, 6, 8, 9, 14, 15, 30 तिथि या अशुभ मानी गई है। इन तिथियों में गर्भ धारण नहीं करना चाहिए।

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यह article केवल जानकारी purpose के लिए बनाया गया है। इसलिए किसी भी चीज का इस्तेमाल करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। यह आपकी जिम्मेदारी है।

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