नववधू प्रवेश मुहूर्त के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। यहां पर वधू प्रवेश के शुभ मुहूर्त के बारे में आपको पंचांग के द्वारा शुद्ध किया गया मुहूर्त दिया गया है। जिसमें आप नववधू का गृह प्रवेश करा सकते हैं।
हालांकि मुहूर्त की आवश्यकता तभी मानी जाएगी। जब विवाह दिन से 16 दिन के मध्यांतर में सम दिनों में एवं 5, 7, 9वे विषम दिनों में तथा स्थिर लग्न में वधू प्रवेश शुभ माना गया है। उपयुक्त दिनों में मुहूर्त देखन का नियम नहीं होता है। अगर ऊपर बताए गए दिनों में वधू प्रवेश नहीं होता है। तब उसके लिए मुहूर्त की आवश्यकता होगी।
जैसा कि ऊपर लिखा गया है। की उपयुक्त दिनों में मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं है। अगर इन दिनों में वधू प्रवेश नहीं होता है। तब विषम तिथियों में, विषम मासों में और विषम वर्ष में वधू प्रवेश कराना चाहिए।
परंतु यदि किसी कारण वश 5 वर्ष तक भी नववधू प्रवेश न हो, तो फिर किसी भी अन्य शुभ मुहूर्त में प्रवेश कर आना चाहिए।
यहां पर सभी मुहूर्त काशी के सूर्योदय के समय अनुसार दिया गया है।
नववधू प्रवेश शुभ मुहूर्त नवंबर 2023
दिनांक | वार | समय |
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23 नवंबर 2023 | गुरुवार | सुबह 8:30 से सुबह 9:27 तक |
27 नवंबर 2023 | सोमवार | शाम 6:39 से रात्रि 8:53 तक |
नववधू प्रवेश शुभ मुहूर्त दिसंबर 2023
दिनांक | वार | समय |
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2 दिसंबर 2023 | शनिवार | शाम 6:20 से रात्रि 8:34 तक |
15 दिसंबर 2023 | शुक्रवार | दोपहर 3:24 से शाम 5:20 तक |
नववधू प्रवेश शुभ मुहूर्त कैसे देखें?
अब हम आपको नववधू प्रवेश मुहूर्त के बारे में बताने जा रहे हैं। कि कैसे आप स्वयं नववधू प्रवेश मुहूर्त का चुनाव कर सकते हैं। हालांकि किसी भी मुहूर्त को देखने के लिए आपके पास पंचांग का होना अति आवश्यक है। क्योंकि पंचांग के माध्यम से ही तिथि, नक्षत्र, वार आदि के बारे में जानकारी प्राप्त किया जाएगा।
हम यहां पर साधारण तौर पर मुहूर्त देखने के बारे में बताएंगे। जिससे आप स्वयं अपने लिए वधू प्रवेश मुहूर्त का चुनाव कर सकते हैं। हालांकि यहां पर सभी विषयों को बताना उचित नहीं होगा। क्योंकि मुहूर्त में अनेकों विषयों पर भी ध्यान दिया जाता है। जिसको केवल एक ज्योतिषी या पंडित ही भली-भांति समझ सकता है।
इसलिए यहां पर मैं केवल तिथि, वार और नक्षत्र के बारे में जानकारी दूंगा। जिससे किसी पंडित के पास जाने का समय ना हो या तत्काल मुहूर्त निर्धारित करना हो तो कर सकता है। लेकिन हम आपको यही सलाह देंगे, कि मुहूर्त का चुनाव किसी पंडित से ही करवाएं।
तो चलीए, अब हम तिथि, वार और नक्षत्र आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। जो वधू प्रवेश मुहूर्त के लिए आवश्यक है। यह तिथि, वार और नक्षत्र जब एक साथ मिले, तब ही मुहूर्त बनता है। इसलिए नीचे बताए गए सभी तिथि, वार और नक्षत्र को एक साथ योग बनने पर ही मुहूर्त चुने।
वधू प्रवेश मुहूर्त के लिए शुभ नक्षत्र कौन-कौन से हैं?
नववधू प्रवेश मुहूर्त के लिए सबसे उत्तम नक्षत्र तीनों उत्तरा, रोहिणी, अश्विनी, पुष्य, हस्त, चित्रा, अनुराधा, रेवती, मृगशिरा, श्रवण, धनिष्ठा, मूल, मघा और स्वाति को माना गया है इन्हीं नक्षत्रों में वधू प्रवेश मुहूर्त बनता है।
वधू प्रवेश मुहूर्त के लिए सबसे उत्तम तिथि कौन-कौन से हैं?
नववधू प्रवेश मुहूर्त के लिए सबसे उत्तम तिथि कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, द्वितीय, तृतीय, पंचमी, षष्टि, सप्तमी, अष्टमी, दशमी, शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी और पूर्णिमा को माना गया है इन्हीं तिथियों में वधू प्रवेश किया जाता है।
वधू प्रवेश मुहूर्त के लिए सबसे उत्तम वार कौन-कौन से हैं?
वधू प्रवेश मुहूर्त के लिए सबसे उत्तम वार सोमवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को माना गया है इन वारों में ही वधू प्रवेश किया जाना शुभ होता है।
वधू प्रवेश मुहूर्त के लिए लग्न अशुद्धि कैसे करें?
वधू प्रवेश मुहूर्त के लिए लग्न शुद्धि भी करना अनिवार्य है। तिथि, वार और नक्षत्र का योग होने से ही मुहूर्त नहीं माना जाता है। लग्न शुद्धि भी होना अति आवश्यक है। इसके साथ अन्य शुभ और अशुभ योग को ध्यान मैं रखा जाता है। जिसको मैं यहां पर नहीं बतला रहा हूं। केवल यहां पर लग्न शुद्धि के बारे में ही जानकारी दूंगा।
लग्न शुद्धि के लिए विशेष तौर पर सिंह, वृश्चिक और कुंभ लग्न शुभ होते हैं। परंतु अन्य लग्नो में भी 4, 8 भाव शुद्ध होने पर वधू प्रवेश रात्रि के समय किया जा सकता है।
तो यह कुछ जानकारी थी, जो कि आपके लिए अनिवार्य थी। इन तिथि, नक्षत्र और वार से आप अपने लिए मुहूर्त का चुनाव करें।