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विद्यारंभ संस्कार मुहूर्त 2023 | पढ़ाई शुरू करने का शुभ मुहूर्त कब है? | Vidyarambh Muhurat

आज हम विद्यारंभ मुहूर्त (Vidyarambh Muhurat February) के बारे में जानेंगे। विद्या यानी ज्ञान ज्ञान सभी के लिए बेहद आवश्यक है। इसलिए जब बच्चे का जन्म होता है। तब उसके साथ 16 संस्कार किए जाते हैं। यह संस्कार हिंदू धर्म में बेहद आवश्यक हैं।

हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में एक विद्यारंभ संस्कार भी है। यह संस्कार बच्चे के 4 से 5 वर्ष के उम्र में किया जाता है। क्योंकि इस उम्र में बच्चे अच्छी तरह से बोलना और समझना सीख जाते हैं। इसलिए उन बच्चों का विद्यालय में नाम दाखिल किया जाता है।

बच्चों का नाम विद्यालय में दाखिल करने लिए शुभ मुहूर्त का भी होना अति आवश्यक है। क्योंकि जो भी कार्य शुभ मुहूर्त में किया जाता है। उसका परिणाम अति सुख प्राप्त होता है।

इसलिए अगर आप अपने बच्चों का विद्या आरंभ करना चाहते हैं। तो उसके लिए आप दिए गए शुभ मुहूर्त को देख सकते हैं।

विद्यारम्भ मुहूर्त कैसे देखें?

हिंदू धर्म में विद्यारंभ भी एक संस्कार है। जो कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए अति आवश्यक है। क्योंकि विद्या आरंभ करने के बाद ही बालक को ज्ञान की प्राप्ति होता है। विद्यारंभ प्रारंभ करने से पहले अक्षरारम्भ हो है। जिसमें बालक पहली बार अक्षर का ज्ञान प्राप्त करता है।

यहां पर हम विद्या आरंभ करने के शुभ मुहूर्त के बारे में जानेंगे। कि कैसे आप स्वयं अपने बच्चे के लिए मुहूर्त का चुनाव कर पाएंगे। स्वयं मुहूर्त का चुनाव करने के लिए आपके पास पंचांग का होना अति आवश्यक है। क्योंकि पंचांग के माध्यम से ही तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण आदि के बारे में जानकारी प्राप्त किया जाएगा।

यहां पर हम अक्षरारम्भ और विद्यारंभ दोनों का शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से बतला रहे हैं। जिससे आप स्वयं शुभ मुहूर्त का चुनाव कर पाएंगे।

अक्षरारम्भ मुहूर्त

सबसे पहले हम अक्षरारम्भ मुहूर्त के नक्षत्र, वार, तिथि और लग्न के बारे में विस्तार से जानेंगे।

अक्षरारम्भ मुहूर्त का शुभ नक्षत्र – अक्षरारम्भ मुहूर्त के लिए सबसे उत्तम नक्षत्र हस्त, अश्विनी, पुष्य, श्रवण, स्वाति, रेवती, पुनर्वसु, चित्रा और अनुराधा नक्षत्र को माना गया है।

अक्षरारम्भ मुहूर्त का शुभ वार – अक्षरारम्भ मुहूर्त के लिए सबसे उत्तम वार सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और शनिवार को माना गया है।

अक्षरारम्भ मुहूर्त का शुभ तिथि – अक्षरारम्भ मुहूर्त के लिए सबसे उत्तम तिथि द्वितीया, तृतीया, पंचमी, षष्ठी, दशमी, एकादशी और द्वादशी को माना गया है।

अक्षरारम्भ मुहूर्त का शुभ लग्न – अक्षरारम्भ मुहूर्त का शुभ लग्न वृषभ, मिथुन, कन्या और मीन को माना गया है। परंतु इन लग्न में अष्टम में कोई ग्रह ना हो।

इस तरह आप नक्षत्र, वार, तिथि, लग्न को एक साथ मिलाकर मुहूर्त का चुनाव करेंगे।

विद्यारंभ मुहूर्त

अब हम विद्यारंभ मुहूर्त के बारे में बताने जा रहे हैं। विद्यारंभ मुहूर्त को देखने के लिए भी नक्षत्र, वार, तिथि, लग्न आदि को देखा जाता है। इसलिए नक्षत्र, वार, तिथि, लग्न आदि के बारे में विस्तार से बदला रहे हैं।

विद्यारंभ मुहूर्त का शुभ नक्षत्र – विद्यारंभ मुहूर्त के लिए सबसे उत्तम नक्षत्र मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, हस्त, चित्रा, स्वाती, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, अश्विनी, मूल, पूर्वाभाद्रपद, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाफाल्गुनी, पुष्य और अश्लेषा नक्षत्र शुभ माना गए हैं।

विद्यारंभ मुहूर्त का शुभ वार – विद्यारंभ मुहूर्त का शुभ वार रविवार, गुरुवार और शुक्रवार शुभ माना गया है।

विद्यारंभ मुहूर्त का शुभ तिथि – विद्यारंभ मुहूर्त का शुभ तिथि षष्ठी, पंचमी, तृतीया, एकादशी, द्वादशी, दशमी, द्वितीय, इन तिथियों में विद्यारंभ करना शुभ माना गया है।

विद्यारंभ मुहूर्त का शुभ लग्न – विद्यारंभ मुहूर्त का शुभ लग्न के लिए नौवें, पांचवें, पहले, चौथे, सातवें, दसवें में स्थान में शुभ ग्रह के रहने पर विद्या आरंभ करना शुभ माना गया है।

नोट – कुछ ज्योतिषियों का मानना है। कि तीनों उत्तरा, रेवती और अनुराधा में भी विद्या आरंभ किया जा सकता है।

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यह article केवल जानकारी purpose के लिए बनाया गया है। इसलिए किसी भी चीज का इस्तेमाल करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। यह आपकी जिम्मेदारी है।

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