आज हम यहां पर होली पर कैसे पूजा करनी चाहिए। इसके बारे में जानने वाले हैं। अगर आपको भी होली के दिन पूजा करने की विधि के बारे में जानना है। और पूजा में क्या-क्या सामान उपयोग किया जाता है। इसके बारे में भी जानना है, तो यह जानकारी आपके लिए ही है। आप यहां पर होली के दिन कैसे पूजा करनी चाहिए। इसके बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
होली पर पूजा करने का सामान
यहां पर होली के दिन पूजा करने के लिए किन-किन सामान का आवश्यकता पड़ता है। इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। जिससे आपको होली के दिन पूजा करने के सामान के बारे में अच्छी तरह से जानकारी मिल पाएगी।
पूजा का सामान
होली पर पूजा करने के लिए जल का लोटा, कुमकुम, चावल, मोली, गुलाब पुष्प, पापड़, सूखा नारियल, गुड, सुपारी, रुपया, एक डंडा या एक गन्ने पर हरे चने और गेहूं की बालियां, मोली से बांधकर, भाइयों पर घोली हुई और बिनाघोली हुई बडकुल्लो की माला और अग्नि लाने के लिए लोहे का झारा होना चाहिए।
होली पर कैसे पूजा करनी चाहिए?
पहले के लोग होली के 5 से 7 दिन पहले ही होली के गीत गाना शुरू कर देते थे। लेकिन आजकल यह काफी कम हो गया है। लेकिन इसके बावजूद भी होली के दिन भद्रा रहित समय में पुरुष और बच्चे होलिका माता की ज्वाला की पूजा करने के लिए घर से जाते हैं।
कहीं-कहीं तो महिलाएं भी पूजा करने के लिए जाती हैं। जाते समय होली के गीत और भजन गाती हुई जाती हैं। और होली की पूजा करके लौटते समय बधावे की गीत गाते हुए आती हैं। अगर जो स्त्री नहीं जा पाती है। तो वह छत पर ही खड़ी होकर होलिका माता की ज्वाला को देखकर अर्घ्य देती है, और गीत गाती है।
होलिका माता की पूजा करके कढ़ावा और बड़कुल्ला की माला चढ़ाना चाहिए। नारियल बांधकर सात चिटकी चढ़ाना चाहिए और बाकी घर लाना चाहिए। चना और गेहूं की बालीयां होलिका माता की अग्नि में सेकना चाहिए। उसके साथ ही पापड़ सेकना चाहिए और पूजा करके 3 से 7 बार परिक्रमा करना चाहिए।
जब होलिका दहन हो जाए तब उसके बाद उस राख को मस्तक पर लगाना चाहिए। मंगलीजति होली का दर्शन करना चाहिए। उसके बाद घर आकर नारियल की चिटकी और सेके हुए गेहूं-चना को प्रसाद के रूप में देना चाहिए। इस प्रसाद को बिना चबाए हुए खाना चाहिए।
लोहे के झारा में होली की होलिका की अग्नि को घर लाना चाहिए। उस अग्नि में 2 से 3 दिन के लिए पापड़ से कर रख लेना चाहिए। अगर अग्नि को घर नहीं ला सकते तो वहीं पर 2 से 3 दिन के लिए पापड़ सेक लेना चाहिए। क्योंकि यह पापड़ खाने से बीमारी नहीं होती है।
कुछ लोग होलिका की अग्नि को घर लाकर उस पर गूगल की धूप रखकर घर में उस धुआं को घुमाते हैं। जिससे घर में से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाए। और घर के सभी सदस्य निरोगी और सकारात्मक बने रहें।
होली के दिन किसकी पूजा की जाती है?
होली के 1 दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है। होलिका दहन के दिन होली पूजन किया जाता है। जिसको करने से माता लक्ष्मी की कृपा बनती है। और वह व्यक्ति सुखी और संपन्न बनता है। इसलिए होली के 1 दिन पहले गांव की सभी व्यक्ति मिलकर होलिका दहन करते हैं। और होलिका दहन में होलिका और प्रहलाद की पूजा की जाती है। यह पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है।
अगर आपको होली से संबंधित और भी विस्तृत जानकारी चाहिए? तो आप हमारा दूसरा आर्टिकल पढ़ सकते हैं। जहां पर होली के बारे में विस्तृत चर्चा किया गया है। जिसमें होली से संबंधित की केक विषयों के बारे में बारीकी से बताया गया है।