जब हमें गृह निर्माण करना होता है। तो उस समय हमारे दिमाग में आने को विचार आते हैं। की भूमि पूजन किस दिन करें। जिससे हमारा भवन शुभ फल देने वाला बन जाए। जिससे भवन में रहने वाले व्यक्ति खुशहाल जिंदगी व्यतीत करें।
इस विचार के साथ-साथ यह भी विचार आता है, कि कहीं हमारा भवन अधूरा बनकर रुक न जाए। क्योंकि हमने अपने आस-पड़ोस में ऐसे भवन बनते हुए देखा है। जो कि आधा बनने के बाद रुक जाता है। और कोई ना कोई बिघन आता रहता है। जिससे हुआ भवन पूरा बनकर तैयार नहीं हो पाता है।
ऐसे ही विचार हमारे मन में आकर हमें डरा देते हैं। और हम अनेकों तरह के उपाय करने की कोशिश करने लगते हैं। हालांकि भवन अभी बनाने का नींव भी नहीं पड़ा है। लेकिन फिर भी हमारे मन में अनेकों प्रकार की भ्रांतियां फैल जाती हैं।
अगर आपके मन में भी ऐसा विचार आ रहा है। तो आप ज्यादा विचार करने के बजाय किसी विशेषज्ञ से मिलकर भूमि पूजन करने का मुहूर्त निकलवा ले, क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में मुहूर्त का विशेष महत्व माना गया है। मुहूर्त एक ऐसा समय होता है। जो विशेषकर उसी कार्य के लिए बनाया गया होता है। जो कि हजारों साल पहले बड़े-बडे़ ज्योतिषाचार्य ने बनाया हैं।
भूमि पूजन करने के लिए शुभ मुहूर्त का निर्माण भी किया गया है। जिसमें भूमि पूजन करने से भूमि का शुभ फल प्राप्त होता है। और उसमें रहने वाले व्यक्ति ज्यादातर सुख समृद्धि को प्राप्त करते हैं।
किस दिन भूमि पूजन करना चाहिए?
ज्योतिष शास्त्र में भूमि पूजन करने के लिए कुछ दिनों का चुनाव किया गया है। जिसमें आप भूमि पूजन कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है इसके लिए सबसे उत्तम समय मुहूर्त होता है। अगर आप भूमि पूजन के लिए शुभ मुहूर्त निकलवाए हैं। वह सबसे उत्तम समय माना जाता है।
वही वास्तु शास्त्र के अनुसार भूमि का विचार भी किया जाता है। जिससे यह ज्ञात हो जाता है, कि जिस भूमि पर हम गृह निर्माण करने जा रहे हैं। वह भूमि कैसा फल देने वाला है। क्योंकि अगर भूमि खराब फल देने वाला होगा, और उस पर आप शुभ मुहूर्त में गृह निर्माण करते हैं। तो भी वहां पर आपको कष्ट का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि यह बात भी सही है, कि जो भूमि आपको ज्यादा कष्ट देने वाला था। अब वह शुभ मुहूर्त में निर्माण करने की वजह से अपना प्रभाव कम दिखाएगा। लेकिन उसका प्रभाव आपके ऊपर होगा ही। इसलिए भूमि पूजन करने से पहले भूमि का विचार भी अवश्य कर लेना चाहिए।
भूमि पूजन के लिए सबसे शुभ दिन सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में यह दिन भूमि पूजन के लिए उत्तम बताया गया है। क्योंकि गृह निर्माण के मुहूर्त में भी इन्हीं वार का इस्तेमाल किया जाता है।