आज हम होली भाई दूज के बारे में जानेंगे। की होली भाई दूज का पूजा विधि क्या रहेगा? होली भाई दूज का शुभ मुहूर्त कब बन रहा है?, होली भाई दूज का महत्व क्या है?, होली भाई दूज में भाई को तिलक कैसे करें? आदि के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करें।
Holi Bhai Dooj 2023 – हमारे हिंदू पंचांग के अनुसार होली भाई दूज चैत्र मास के द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। वैसे तो भाई दूज साल भर में दो बार पड़ता है। जो कि सबसे पहले होली से प्रारंभ होता है। जो होली के 1 दिन बाद मनाया जाता है।
वही दूसरा दीपावली के बाद मनाया जाता है। जो कि दीपावली समाप्त होने के बाद 2 दिन के अंतराल में पड़ता है। दोनों भाई दूज भाई बहन के प्रेम को दर्शाते हैं। इन दोनों भाई दूज का अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है। होली के बाद पढ़ने वाले भाई दूज को होली भाई दूज के नाम से जानते हैं। तो वही दिवाली के बाद पढ़ने वाले भाई दूज को रक्षाबंधन के नाम से जाना जाता है।
होली भाई दूज का महत्व क्या है?
भाई दूज साल में दो बार पड़ता है। और दोनों ही भाई बहनों के रिश्ते को मजबूत करता है। दोनों भाई दूज में बहन भाई की लंबी आयु की कामना करती है। तो इसके बदले में भाई बहन की उम्र भर रक्षा करने का वचन लेता है। भाई दूज पर बहन भाई के सभी संकट को हरने के लिए गणेश जी की पूजा करती है।
भाई दूज पर भी उपहार देने का परंपरा चला आ रहा है। इसलिए दोनों भाई दूज पर भाई अपने बहनों को उपहार देता है। हालांकि रक्षाबंधन काफी प्रचलित त्योहार माना गया है। लेकिन होली भाई दूज का भी विशेष महत्व है।
होली भाई दूज की तिलक पूजा विधि
अब हम होली भाई दूज पर भाई को तिलक लगाने की विधि के बारे में मत लाने जा रहे हैं।
• होली भाई दूज के दिन बहन को सर्वप्रथम उठकर स्नान आदि करके भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।
• पूजा में भाई दूज की कथा भी पढ़ना चाहिए। अपने भाई के लिए प्रार्थना करना चाहिए। प्रार्थना में आप अपने भाई की लंबी आयु के लिए आशीर्वाद मांगे।
• पूजा समाप्त होने के बाद भाई को तिलक करने के लिए थाली को सजाना चाहिए। थाली को सजाने के लिए आप अक्षत, चंदन, कुमकुम, सुपारी, सूखा नारियल, सिंदूर, फूल, मिठाई और दीपा आदि रखें।
• इतना करने के बाद आप अपने भाई को चौक पर बैठाए। भाई को तिलक लगाएं, अक्षत लगाएं और आरती उतारकर मिठाई खिलाएं।
तिलक हो जाने के बाद भाई को चाहिए कि अपने सामर्थ्य अनुसार बहन को कोई उपहार दें, और अपनी बहन की रक्षा के लिए वचन दे।