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पीठ का फड़कना क्या होता है? | स्त्री और पुरुष के दाहिने और बाएं पीठ का फड़कना | peeth ka fadkana

आज हम पीठ फड़कने के बारे में जानेंगे। पीठ का फड़कना किस बात का संकेत देता है। आखिरकार पीठ फड़कने से क्या होता है? क्या यह शुभ है या अशुभ इसके बारे में आज विस्तार से जानने वाले हैं।

यहां पर पीठ फड़कने के बारे में विस्तार से बतलाया गया है। यह पुरुषों के लिए बतलाया गया है। हालांकि पीठ फड़कना स्त्री और पुरुष दोनों के लिए एक ही संकेत देता है। इसलिए यहां पर आप स्त्री और पुरुष दोनों का एक ही अर्थ समझे।

पीठ का फड़कना

पीठ का फड़कना देखा जाए तो यह शुभ नहीं है। क्योंकि पीठ के फड़कने से पराजय होता है। अर्थात आप कोई कार्य कर रहे हैं। वह कार्य आपका पूरा नहीं होगा। उस कार्य में आपकी हार होने वाली है।

अगर आप कोई कार्य करने के बारे में सोच रहे हैं। या कोई कार्य प्रारंभ कर दिए हैं। और उस कार्य को लेकर आप काफी संवेदनशील हैं। उस समय अगर आपका पीठ फर्कता है। तो आप समझ ले कि वह कार्य आपका सिद्ध नहीं होने वाला है। क्योंकि उस कार्य में आप की पराजय होगी।

लेकिन यह तभी संभव है। जब आपका पीठ बार बार और लगातार 1 से 2 दिन फड़कता आता है। क्योंकि कुछ समय के लिए अंगों का फड़कना किसी अन्य कारणों से भी हो सकता है। इसलिए इसका संकेत नहीं समझना चाहिए। लेकिन वही बार-बार और कुछ समय के लिए फड़कने लगे तो इसका अर्थ है। कि आपके साथ कुछ शुभ या अशुभ होने वाला है। जिसका संकेत आपको ईश्वर दे रहा है।

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यह article केवल जानकारी purpose के लिए बनाया गया है। इसलिए किसी भी चीज का इस्तेमाल करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। यह आपकी जिम्मेदारी है।

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