एक छोटा तोता नाम था जिसका नाम राम था। वह अपनी मित्रता का देखभाल अच्छे से करता था। राम एक जंगल में रहता था, वहां परियों के साथ वह बहुत खेलता था। पक्षियों की दुनिया में राम बहुत ही मशहूर था।
वह अपने रंगीन पंखों से लोगों को भी खूब भाता था। राम के खास मित्रता काका सियार था। वह दोनों बहुत ही प्यार के साथ रहते थे। एक दिन वह दोनों घूमने गए थे, और रास्ते में ही राम और काका सियार गुम हो गए, उन्हें रास्ता नहीं मिला जिससे वह घबरा गए।
वही उनके सामने एक शेर आ जाता है। राम तो उड़ कर चला जाता, लेकिन काका सियार फस गया। इसलिए आराम भी वहीं पर रुका रहा, और मदद के लिए पुकारने लगा।
तभी वहां से एक गोलू नाम का भालू गुजर रहा था। उसने आवाज सुना तो वहां पर आया तो राम ने उस से मदद मांगी, और अपने काका सियार को बचाने के कहां।
गोलू भी उनकी मदद की और शेर को वहां से भगा दिया। जिससे काका सियार का जान बच सका और वह दोनों गोलू का धन्यवाद किया और वहां से जाने के लिए रास्ता पूछा। गोलू ने उन्हें रास्ता दिखाया और वह दोनों वहां से चले गए।
राम ने अपने दोस्ती का सबूत दिया, और वह साबित कर दिया कि सच्ची मित्रता हमेशा मुसीबत में काम आती है।
इस कहानी से क्या सीखने को मिला?
इस कहानी से बच्चों को सिख मिलती है, की सच्ची मित्रता वही होती है, जो मुसीबत के वक्त साथ देते हैं। सच्चे मित्र आपको कभी भी मुसीबत में अकेला छोड़कर नहीं भागेंगे। जिस प्रकार राम ने काका सियार को मुसीबत में छोड़कर नहीं भागा।